पहले हार्ट अटैक 50 साल की उम्र के बाद लोगों को होता था, लेकिन वर्तमान में कम उम्र में ही लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं.
बढ़ती बीमारी को रोकने के लिए सबसे पहले जागरूकता की ज़रूरत है.
विटामिन बी12 लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और ऑक्सीजन के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
छिलके सहित भुने हुए चने आपके स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद हो सकते हैं.
सेहत की देखभाल के साथ-साथ हमारे आंखों को भी सही केयर की ज़रूरत होती है. हालांकि, कई लोग इस तरफ ध्यान नहीं देते. लेकिन ऐसा करना सही नहीं है.
अस्थमा से ग्रसित लोगों को अक्सर धूल-मिट्टी से परेशानी होती है. थोड़ी सी भी प्रदूषित वातावरण उनके लंग्स को परेशान कर सकती है.
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दवा निर्माताओं को इन तीन कैंसर रोधी दवाओं पर एमआरपी कम करने का निर्देश दिया है.
हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए है, जिससे आप त्योहार एन्जॉय भी कर सकेंगे और आपके सेहत को कोई नुकसान भी नहीं होगा.
फूलगोभी में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो पाचन से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है.
अब हर नए मरीज को नवंबर माह से 500 रुपए की जगह 1000 रुपए प्रति माह दिया जाएगा.
ठिठुरती ठंड का सीधा असर किडनी पर पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ठंड के मौसम में हम ज़्यादा पानी नहीं पीते.
इसके लक्षण रात में आसानी से दिख जाते हैं, जिसे आमतौर पर लोग काफी सामान्य मानते हैं.
आज कल का खान-पान लोगों की तरह ही आधुनिक हो गया है. अब लोग हाथों से खाना नहीं बना कर पैक्ड फ़ूड खाना ज़्यादा पसंद करते हैं.
इस समय 4 अरब लोग डेंगू से प्रभावित हो रहे हैं और 2050 तक यह आंकड़ा पांच अरब को पार कर जाएगा.
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो हर साल लगभग 10 मिलियन लोगों की मौत का कारण बनती है. यह मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है.
हमारे शरीर का हर अंग अपने-आप में महत्वपूर्ण है. अगर कहा जाए तो बस इसका होना ज़रूरी नहीं बल्कि सही से इसका उपयोग और संचालन होना ज़रूरी है.
लचीनी आपको ज्यादातर घरों में मिल जाएगी. दालचीनी का सेवन करने से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
शरीर में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी की कमी होने से हीमोग्लोबिन कम होने लगता है, जिससे शरीर बहुत कमजोर हो जाता है.
केला अपनी वात संतुलन प्रकृति के कारण मल को नरम करता है और कब्ज को नियंत्रित करता है.
हार्ट अटैक का दर्द सीने से संबंधित होता है, लेकिन इसके लक्षण शरीर के कई हिस्सों में भी नजर आते हैं.