बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात्रि नाै बजकर सात मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे.
हर साल दिवाली के बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. इस साल यह त्योहार 15 नवंबर को धूमधाम से मनाया जायेगा.
देवउठनी एकादशी को चतुर्मास का समापन होता है. साथ ही विवाह, मुंडन,गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य पर लगी रोक भी हट जाती है.
अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जान जानेंगे.
काशी में देव दीपावली इस बार 15 नवंबर को मनाई जाएगी. महापर्व पर गंगा के दोनों किनारों को 17 लाख दीपाें से सजाया जाएगा.
राजधानी रांची के सभी छठ घाटों में लोक आस्था का महापर्व छठ उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ.
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव और सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है.
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में आज भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का फूलों से आकर्षक शृंंगार किया गया.
गोवर्धन पूजा जिसे अन्नकूट या अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, 2 नवंबर को मनाई जाएगी.
रूप चतुर्दशी नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली या काली चतुर्दशी के नाम से भी जानी जाती है.
ये शुभ योग तीन नवंबर तक रहेगा. धनतेरस पर आज सोने-चांदी के जेवरात, वाहन और बर्तनों की खूब खरीददारी हुई.
29 अक्टूबर को बुध के गोचर से धनतेरस पर लक्ष्मी नारायण योग बनेगा, जिसे बहुत ही शुभ माना जा रहा.
इस साल 31 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा. वहीं बाज़ारों में 29 अक्टूबर को धनतेरस की रोनक होगी. हिन्दू धर्म में इस त्योहार का खास महत्त्व है.
इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा और दिवाली 31 अक्टूबर को.
मुहूर्त शुरू होने के लिए लोगों को 16 नवंबर को सूर्य के तुला से वृश्चिक राशि में पहुंचने का इंतजार करना होगा.
यह जानना जरूरी है कि दीपावली की खरीदारी करते समय आपको किन बातों का ध्यान देना है.
करवा चौथ को लेकर शहरों और कस्बों के बाजारों में इन दिनों काफी रौनक देखी जा रही है.
अक्षयवट का बड़ा पौराणिक महत्व है. मान्यता के अनुसार संगम स्नान के पश्चात 300 वर्ष पुराने इस वृक्ष के दर्शन करने के बाद ही स्नान का फल मिलता है.
करवा चौथ पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखेंगी.
हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है. सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है.