भगवान चित्रगुप्त (दवात) और भाईदूज (गोधन) की पूजा 23 अक्टूबर की जाएगी.
भगवान बदरीनाथ व केदारनाथ में परंपरा और पूरे उत्साह के साथ दीपावली मनाई गई.
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस या धनत्रयोदशी या धन्वंतरि पूजा के दिन कुछ चीज़ें खरीदना बेहद शुभ होता है.
धनतेरस का दिन पारंपरिक रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर, जो समृद्धि और धन के देवता हैं, का है.
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा और माैसम की दुश्वारियाें के बीच केदारनाथ की यात्रा में इस वर्ष दर्शनार्थियों का नया रिकार्ड बना है।
इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए दिन भर निर्जला उपवास रखेंगी.
18 अक्टूबर को धनतेरस से होगी और बुधवार, 22 अक्टूबर को भाई दूज के साथ समाप्त होगी. प्रत्येक दिन का अपना महत्व, पूजा मुहूर्त और परंपराएं होती हैं.
इस दिन, भक्त भगवान गणेश और देवी सरस्वती के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं.
भारत भर के भक्त शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु कुमारी पूजा करेंगे.
नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इसके साथ ही, कन्या पूजन भी किया जाता है, जिसका विशेष महत्व है.
रामगढ़ झंडा चौक स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहा.
नवरात्रि के दौरान जौ या ज्वार बोना महत्वपूर्ण होता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर जौ हरा हो, तो घर में धन और समृद्धि अधिक आती है.
मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है.
इस बार 22 सितंबर से नवरात्र की शुरूआत होगी.
आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी 14 सितंबर को जितिया व्रत मनाया जाएगा.
पितृ पक्ष वह समय होता है जब हमें सात्विक जीवन जीने की सलाह दी जाती है.
ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत और समाप्ति ग्रहण के दिन होगी.
महीने में दो बार, यानि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में, एकादशी का व्रत रखा जाता है.
राधा अष्टमी देवी राधा के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें भगवान कृष्ण की सनातन पत्नी माना जाता है.
शबद गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाशोत्सव 23 और 24 अगस्त को मेन रोड गुरुद्वारा में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा.