माघ माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तीन फरवरी को है. इसी दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा.
महाकुम्भ में पहली बार श्रद्धालुओं को गुवाहाटी की मां कामख्या देवी का दर्शन मिलेगा।
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों के स्नान ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया.
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष समाप्त होते हैं.
संकट चतुर्थी 17 जनवरी शुक्रवार को संकट चतुर्थी है. इस व्रत को विधि विधान से करने पर पूरे परिवार को सुख-समृद्धि मिलती है ओर सारे संकटों से मुक्ति मिलती है.
महाकुंभ के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम तट पर आस्था और दिव्यता का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है।
प्रयागराज में संगम पर डुबकी लगाने के लिए आज आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है.
पंडित रामदेव पांडेय के अनुसार 14 जनवरी के दिन, मंगलवार को सूर्य दोपहर 3:36 बजे धनु राशि से मकर राशि में जाएंगे.
लोहड़ी का त्यौहार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह त्यौहार किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है.
पवित्र त्रिवेणी के तट पर आयोजित हो रहे महाकुम्भ को दिव्य-भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है.
इस दुर्गा मंदिर में हर भक्त की पूरी हो जाती हैं मनोकामनाएं,
सुबह चार बजे बाबा का मंदिर खुला. इसके बाद स्थानीय तीर्थ पुरोहित ने कांचाजल पूजा की.
इस दिन वृद्धि योग और मूल नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है.
बता दें कि 11 जनवरी की सुबह 8 से 10 बजे तक और रात 8 बजे से 11 बजे तक और 12 जनवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक विशेष दीवान सजाया जाएगा.
महाकुंभ मेला, 12 वर्षों की अवधि में चार बार होने वाला एक श्रद्धेय मेला, इस उद्देश का उदाहरण है।
योगी सरकार ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर कुम्भनगरी के प्राचीन घाटों का पुनरुद्धार किया है.
सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ता है। लेकिन कुछ राशि वालों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा।
अरैल घाट पर इस पार्क में महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालुओं को बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हो सकेंगे.
महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार आदिकालीन भारतीय संस्कृति की दिव्यता और अलौकिकता का दर्शन होने जा रहा है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में बार-बार आर्थिक समस्याएं आ रही हैं, तो यह वास्तु दोष का लक्षण हो सकता है.