10 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा और 11 जुलाई से श्रावण कृष्ण प्रतिपदा माह में गुरु आदित्य योग के शुभ संयोग में शिव आराधना की शुरुआत होगी.
जगरनाथपुर रथयात्रा को राष्ट्रीय और वैश्विक धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर स्थान दिलाने पर मांग उठने लगी है.
भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा 27 जून को त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से निकाली जाएगी.
तीर्थयात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की 580 कंपनियों को तैनात किया जा रहा है.
वट वृक्ष की छाया में ही उसकी कहानी बदल गई और तब से महिलाएं उस वृक्ष के पास लौटती हैं.
शुक्र मीन राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए 31 मई को मंगल की राशि मेष में गोचर करने के वाले हैं.
मान्यता यह भी है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज के चुंगल से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी.
आमतौर पर वट सावित्री व्रत और शनि जयंती एक ही दिन ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है.
मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने सोमवार को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से मद्महेश्वर धाम के लिए प्रस्थान किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप इस बार चार धाम यात्रा को हरित यात्रा के रूप में आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है.
सरस्वती नदी के उद्गम स्थल भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम में 12 साल बाद 15 मई से पुष्कर कुंभ मेला आयोजित होने जा रहा है.
वैशाख शुक्लपक्ष की पूर्णिमा पर सोमवार को विश्वप्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.
दार्जिलिंग के मणि सिंह लामा सहित अन्य चार लामा के नेतृत्व में पाठ किया जा रहा है.
8 मई को हरकी पौड़ी पर पूजा अर्चना के पश्चात प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली बाबा विश्वनाथ मां जगदीशीला डोली यात्रा संपूर्ण उत्तराखंड के लिए रवाना होगी.
यहां पर श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और अन्य कार्मिकों ने उनकी अगवानी की.
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है.
इस वर्ष अक्षय तृतीया मंगलवार से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल को पूरे दिन रहेगी.
केदारनाथ धाम के कपाट दो मई को प्रातः सात बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.
करोड़ों हिंदुओं की आस्था और विश्वास के प्रतीक भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया इस बार 22 अप्रैल से शुरू होगी.
बैसाखी के पावन पर्व पर मक्कूमठ स्थित मर्केटेश्वर मंदिर में पंचांग गणना के पश्चात कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई.