रांची (RANCHI): अमेरिका के गाजा शांति प्रस्ताव पर फिलिस्तीनी मिलिशिया संगठन हमास सहमत हो गया है.उसने शांति प्रस्ताव के प्रभावी होने के 72 घंटे के भीतर जीवित या मृत, सभी 48 इजरायली बंधकों को रिहा करने और गाजा प्रशासन 'स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों की फिलिस्तीनी संस्था को सौंपने की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल को गाजा में तुरंत बमबारी रोकने को कहा है. ट्रंप की ओर से हमास के लिए शांति प्रस्ताव स्वीकार करने को लेकर डेडलाइन दिए जाने के कुछ देर बाद ही हमास ने इस प्रस्ताव पर रजामंदी की घोषणा की.
बंधकों की रिहाई महत्वपूर्ण कदम है: मोदी
करीब दो साल से गाजा में जारी इजराइल के सैन्य अभियान के थमने की संभावनाओं को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के शांति प्रयासों को सराहा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रंप के गाजा शांति प्रयासों का स्वागत करते हुए कहा कि बंधकों की रिहाई महत्वपूर्ण कदम है.
गाजा पर बमबारी तुरंत रोके जाने की जरूरत:ट्रंप
हमास ने बयान जारी कर संकेत दिया है कि वह तुरंत मध्यस्थता वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार है जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने संतोष व्यक्त करते हुए ट्रुथ सोशल पर लिखा, "हमास की ओर से जारी बयान के आधार पर मेरा मानना है कि वे स्थायी शांति के लिए तैयार हैं." ट्रंप ने इसराइल की तरफ से गाजा पर बमबारी तुरंत रोके जाने की जरूरत बताई है जिससे जल्द से जल्द बंधकों को सुरक्षित निकाला जा सके.
शांति वार्ता में शामिल होने को तैयारः हमास
हमास की तरफ से कहा गया है कि ट्रंप के गाजा प्लान पर विस्तृत चर्चा के लिए मध्यस्थों के माध्यम से तत्काल वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार है. हमास ने यह भी दोहराया कि वह गाजा का प्रशासन 'स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों की फिलिस्तीनी संस्था को सौंपने के लिए तैयार है. हमास ही अब तक गाजा का प्रशासन चलाता था.
इजरायल गाजा से अपनी वापसी का पहला चरण पूरा करेगा
द टाइम्स आफ इजराइल के मुताबिक योजना में निर्धारित शर्तों के अनुसार हमास शेष बचे सभी 48 बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है, जिसके तहत उन्हें स्थायी युद्ध विराम लागू होने के 72 घंटों के भीतर रिहा किया जाएगा और बदले में उन्हें 2,000 से अधिक फिलिस्तीनी सुरक्षा कैदियों तथा मारे गए गाजावासियों के शवों के साथ रिहा किया जाएगा. इसके बाद इजरायल गाजा से अपनी वापसी का पहला चरण पूरा करेगा.
हमास को ट्रंप की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास को रविवार शाम 6 बजे तक इजरायल के साथ शांति समझौते पर पहुंचने का अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने कहा था कि हमास को गाजा प्लान को स्वीकार कर इजरायली बंधकों को रिहा करने का आखिरी मौका दिया जा रहा है, अगर वह इस पर सहमति नहीं जताता है तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा.
बीते दिनों अमेरिका दौरे पर गए इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ट्रंप से अमेरिकी शांति योजना पर बातचीत हुई जिसमें दोनों के बीच इसे लेकर सहमति बनी थी. 30 सितंबर को मिस्र, जॉर्डन, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान ने संयुक्त बयान जारी कर ट्रंप के गाजा शांति प्रस्ताव का समर्थन किया था.
अमेरिका के गाजा शांति प्रस्ताव के तहत हमास को तुरंत 48 इजराइली बंधकों को छोड़ना होगा, जिनमें लगभग 20 जीवित माने जा रहे हैं. इसके साथ ही उसे सत्ता और हथियार छोड़ने होंगे. जबकि इजराइल, गाजा में अपनी कार्रवाई रोक कर अधिकांश क्षेत्रों से पीछे हटेगा, सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और मानवीय मदद तथा पुनर्निर्माण की अनुमति देगा. गाजा के लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशासन लागू होगा.
बीस सूत्री गाजा पीस प्लान में क्या है खासः-इजराइल गाजा में तुरंत सैन्य अभियान रोक कर चरणबद्ध तरीके से सेना को हटाएगा.
हमास 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों को रिहा करेगा
-इजराइल अपने यहां आजीवन कारावास की सजा पाए 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इसके अलावा हिरासत में लिए गए 1700 गाजावासियों की भी रिहाई होगी।-हमास के जो सदस्य शांतिपूर्वक साथ रहने की शपथ लेंगे, उन्हें माफी दी जाएगी।-गाजा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता के रूप में रोजाना कम से कम 600 ट्रक राहत सामग्री पहुंचेंगे.
बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के आतंकी हमले में 815 नागरिकों सहित 1,195 लोगों की जान चली गई और बड़ी संख्या में लोगों और महिलाओं को बंधक बनाया गया था. इस आतंकी हमले के बाद से इजराइल ने गाजा में जो सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसने पूरे मध्य पूर्व को प्रभावित किया है.गाजा संघर्ष में गाजा, इजराइल के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ दक्षिणी लेबनान, सीरिया, यमन और ईरान में भी लोग हताहत हुए हैं.
गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई में अबतक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय (जीएचएम) और इजरायली विदेश मंत्रालय के अनुसार, 24 सितंबर 2025 तक 68,300 से अधिक लोग (66,414 फिलिस्तीनी और 1,983 इजरायली) गाजा युद्ध में मारे गए हैं. साथ ही 217 पत्रकार और मीडियाकर्मी, 120 शिक्षाविद और 224 से अधिक मानवीय सहायता कार्यकर्ता शामिल हैं.