डिजिटलीकरण का मतलब विनियमन से मुक्ति नहीं : सीईए नागेश्वरन

Shwet Patra

रांची (RANCHI): देश के मुख्य आर्थिक सलाहाकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन में यह "गलत धारणा" है कि डिजिटलीकरण का मतलब विनियमन से मुक्ति है.

अनावश्यक विनियमनों को हटाना आवश्यक


नागेश्वरन ने भारतीय उद्यम और वैकल्पिक पूंजी संघ (आईवीसीए) के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. वैकल्पिक निवेश उद्योग के लॉबी समूह आईवीसीए में उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि अनावश्यक विनियमनों को हटाना आवश्यक है, भले ही अनुपालन ऑनलाइन या ऑफलाइन जरूरी हो.

देश में जनसांख्यिकीय अनुकूलता भी होगी

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यह गलत धारणा है कि जैसे ही देशभर में कोई सरकारी विभाग...डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुछ डालता है, उन्हें लगता है कि यह विनियमन है, लेकिन ये विनियमन नहीं है, आपने इसे ऑफ़लाइन के बजाय ऑनलाइन बना दिया है. नागेश्वरन ने कहा कि कोई भी देश जिसने ‘विकसित’ होने का दर्जा हासिल कर लिया है, उसे छोटे व्यवसायों की ओर ध्यान देना होगा और विनियमन जैसी चुनौतियों से निपटना होगा जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि ऐसे उद्यम अनुपालन पर अपना समय बर्बाद न करें. 
उन्होंने कहा कि भारत में लंबी अवधि तक प्रत्‍येक वर्ष 6.5-7 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है, जो इसे इस स्तर की वृद्धि करने वाली कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाता है. इसके अलावा देश में जनसांख्यिकीय अनुकूलता भी होगी जो अगले 15-20 वर्षों तक बनी रहेगी और वृद्धि में मदद करेगी.

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