रांची (RANCHI): 11 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने वाला है. यह माह भोलेनाथ को अतिप्रिय है, यही वजह है कि इस समय सभी शिव भक्त भगवान की विधिवत पूजा अर्चना और व्रत करेंगे. इस दौरान बेलपत्र, फूल और जलाभिषेक करके महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे. लेकिन कुछ लोगों के मन में यह सवाल होता है कि शिवलिंग पर पहले क्या अर्पित करना चाहिए बेलपत्र या जल? जानतें है कि इस शिव जी की आराधना करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए.
- वैसे तो भगवान शिव की पूजा में जल और बेलपत्र दोनों का ही बहुत महत्व है. लेकिन स्कंद पुराण के अनुसार, सबसे पहले भगवान शिव के अभिषेक में जल या गंगा जल चढ़ाना चाहिए. उसके बाद बेलपत्र, पुष्प सफेद पुष्प, भाग धतूरा आदि अर्पित करिए. बता दें कि स्कंद पुराण के "केदार खंड" में वर्णन मिलता है कि शिव पूजन में सर्वप्रथम शुद्ध जल से जल अभिषेक करना चाहिए.
- पद्म पुराण में भी भगवान शिव की पूजा अर्चना के बारे में विस्तार से बताया गया है. पद्म पुराण में भगवान शिव की पूजा में सबसे पहले जल और बिल्व पत्र दोनों की महिमा बताई गई है, पर जल को पहले स्थान पर रखा गया है.
- मान्यता है कि बेल पत्र चढ़ाने से तीनों का पुण्य प्राप्त होता है. सबसे पहले शुद्ध जल या गंगाजल से अभिषेक करें. उसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, भस्म चंदन,फल आदि अर्पित करें, और ॐ नमः शिवाय का मन ही मन जाप करते रहें.