सकारात्मक ऊर्जा का संचार
पं.व्यास के अनुसार शुक्रवार को चतुर्थी होने से गणेशजी, लक्ष्मीजी और शुक्र ग्रह की पूजा करना शुभ माना जाता है. इस दिन पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
इस कारण करना चाहिए श्री गणेश का व्रत और पूजा
यह व्रत माताओं द्वारा अपनी संतान की उन्नति और भाग्योदय के लिए रखा जाता है. गणेशजी की आराधना एवं व्रत रखने से संतान का भविष्य उज्जवल बनता है और उस पर हमेशा गणेशजी की कृपा बनी रहती है. जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं. बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान में वृद्धि होती है. जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह अवश्य पूरी होती है. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. धन-धान्य की प्राप्ति होती है और व्यापार में वृद्धि होती है. इस दिन दान करें,व्रत करें,संतान के हाथों से पूजा करवाएं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
धार्मिक मान्यता
संकट चतुर्थी की पौराणिक कथा
संकट चतुर्थी की कथा भगवान गणेश से जुड़ी हुई है. एक बार देवता कई विपदाओं में घिरे थे, तब वह मदद मांगने भगवान शिव के पास आए. उस समय शिव के साथ कार्तिकेय तथा गणेशजी भी बैठे थे. देवताओं की बात सुनकर शिवजी ने कार्तिकेय व गणेशजी से पूछा कि तुम में से कौन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है. तब कार्तिकेय व गणेशजी दोनों ने ही स्वयं को इस कार्य के लिए सक्षम बताया. इस पर भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा कि तुम दोनों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा, वही देवताओं की मदद करने जाएगा. भगवान शिव के मुख से यह वचन सुनते ही कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गए, परंतु गणेशजी सोच में पड़ गए. गणेशजी अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करके वापस बैठ गए. इधर परिक्रमा करके लौटने पर कार्तिकेय स्वयं को विजेता बताने लगे. तब शिवजी ने श्रीगणेश से पृथ्वी की परिक्रमा न करने का कारण पूछा.