रूप चतुर्दशी आज: मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए गृह लक्ष्मी लगाएं उबटन, मिलेगा धन लाभ

Shwet Patra

रांची (RANCHI): कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी आज रूप चतुर्दशी के रूप में मनाई जाएगी. दीपावली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए गृह लक्ष्मी आज उबटन कर रूप निखारेंगी. रूप चतुर्दशी नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली या काली चतुर्दशी के नाम से भी जानी जाती है.


लक्ष्मी जी की बड़ी बहन दरिद्रा से जुड़ा है रूप चतुर्दशी 

ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा और शाम को यमराज के लिए दीपक जलाने से तमाम तरह की परेशानियों और पापों से छुटकारा मिल जाता है. ये त्योहार लक्ष्मी जी की बड़ी बहन दरिद्रा से भी जुड़ा हुआ है. स्कंद, पद्म और भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन, तेल आदि लगाकर स्नान करना चाहिए. गृहिणियां उबटन लगाकर स्नान करें. लक्ष्मी पूजन से पूर्व गृहलक्ष्मी का शृंगार रूरी है. जब घर में मेहमान आते हैं तब भी स्वयं को ठीक से रखती हैं और जिस दिन साक्षात् लक्ष्मी जी आने वाली हों उससे पहले स्वरूप को निखारकर रखना जरूरी होता है. इसलिए ये दिन रूप चतुर्दशी कहलाता है.

चौदस पर व्रत रखने का महत्व 

नरक चतुर्दशी का महत्व और मान्यताएं रूप चौदस पर व्रत रखने का भी अपना महत्व है. मान्यता है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों को सौंदर्य प्रदान करते हैं. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर को मारा था. इसलिए इस पर्व को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं और श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं.

पानी में अपामार्ग के पत्ते डालकर नहाना शुभ

रूप चतुदर्शी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर तिल के तेल की मालिश और पानी में अपामार्ग के पत्ते डालकर नहाना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के दर्शन करने चाहिए. ऐसा करने से पापों का नाश होता है और सौंदर्य मिलता है. शाम को 14 दीपक जलाकर घर के अंदर और बाहर रखने चाहिए.

More News