प्रयागराज महाकुम्भ में 16 फरवरी को होगा काशी मंथन

Shwet Patra

रांची (RANCHI): सनातन संस्कृति बचाओ जनजागरण अभियान के तहत प्रयागराज महाकुम्भ में 16 फरवरी को काशी मंथन होगा. यह कार्यक्रम काशी सुमेरू पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती के कुम्भ नगर प्रयागराज मोरी मार्ग, तुलसी चौराहा सेक्टर 19 में स्थित शंकराचार्य शिविर में होगा. यह जानकारी शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजक स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती एवं संयोजक संजीव त्रिपाठी ने दी.


उन्होंने बताया कि आदि अनादिकाल से पूजित एवं पवित्र नगरी काशी को सदियों से म्लेच्छ विधर्मियों ने नाना प्रकार से अपवित्र एवं दूषित करने का षड्यंत्र को समाप्त करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है. काशी को भी अन्य धार्मिक नगरों की भांति सनातन धर्म नगर घोषित किया जाय एवं पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को भी व्यवस्थित किया जाय. काशी में काशी विश्वनाथ आदिविश्वेश्वर ज्ञानवापी मंदिर सहित विधर्मी मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षतिग्रस्त किये गये. प्रमुख रूप से बिन्दु माधव मंदिर, कृतिवासेवेश्वर मंदिर, लाट भैरव मंदिर, अविमुक्तेश्वर मंदिर(रजिया मस्जिद),वक्रार्क कुण्ड मंदिर(बकरिया कुण्ड), सुश्केश्वर महादेव अदि मंदिरों को शीघ्र मुक्त कराने हेतु प्रभावी कदम उठाये जाय.



भगवान भोलेनाथ का आनन्द कानन वन(पंचक्रोस परिक्रमा क्षेत्र) की विधर्मियों के द्वारा लगातार अपवित्र की जा रही सम्पूर्ण भूमि से कब्र, मजार, मस्जिद, बूचड़खाना, कत्लखाना सहित सभी विधर्मी स्थलों को मुक्त कराने लिए संवैधानिक तरीके से प्रभावी कदम उठाये जायें तथा सम्पूर्ण क्षेत्र से मांस, मछली, अंडा आदि के उपयोग, उपभोग, क्रय—विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाय.


काशी की सभी शत्रु सम्पत्तियों को सरकार जांच कराकर तत्काल अपने कब्जे में ले और उसे स्कूल, अस्पताल तथा पार्क आदि के उपयोग में लाएं और काशी के सभी देवालयों एवं देवस्थानों से विधर्मी चॉंद उर्फ सॉंई की मूर्ति को अविलम्ब बाहर कराया जाये. वक्फ बोर्ड हिन्दू समाज एवं सनातन मंदिरों की हड़प गई जमीनों की समस्याओं के समाधान के लिए वक्फबोर्ड को पूर्णत:तत्काल समाप्त कर दिया जाय.

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