केन्द्र तमिलनाडु के विकास को समर्पित, लेकिन कुछ लोगों को रोने की है आदत : प्रधानमंत्री

Shwet Patra

रांची (RANCHI):  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि बीते एक दशक में केन्द्र सरकार ने तमिलनाडु के विकास के लिए 2014 की तुलना में तीन गुना ज्यादा धन आवंटित किया है.  वे मानते हैं कि विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है.  तमिलनाडु का सामर्थ्य जितना ज्यादा बढ़ेगा, भारत का विकास उतनी तेज होगा. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कुछ लोगों को बिना कारण रोते रहने की आदत है.  वे रोते रहते हैं.  प्रधानमंत्री ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि तमिलनाडु के नेताओं से प्राप्त पत्रों में तमिल में हस्ताक्षर नहीं होते हैं.  प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले रेल प्रोजेक्ट के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये ही मिलते थे.  इस वर्ष तमिलनाडु का रेल बजट 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है और भारत सरकार यहां के 77 रेलवे स्टेशन को मॉडर्न भी बना रही है.

 आयुष्मान भारत योजना के तहत 1 करोड़ से अधिक लोगों का उपचार

 इसमें रामेश्वरम का रेलवे स्टेशन भी शामिल है.  आयुष्मान भारत योजना के तहत तमिलनाडु में 1 करोड़ से अधिक लोगों का उपचार किया गया है. इससे लोगों को 8 हजार करोड़ की बचत हुई है.  तमिलनाडु में 1,400 से अधिक जन औषधि केंद्र हैं. इससे तमिलनाडु के लोग अनुमानित 700 करोड़ रुपये की बचत करते हैं। हाल के वर्षों में तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी आज तमिलनाडु के दौरे पर हैं। रामनवमी के अवसर पर दोपहर में उन्होंने भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल - नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन किया.  उन्होंने सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई और पुल के संचालन को देखा.  इसके बाद उन्होंने रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा की.  उन्होंने रामेश्वरम में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया.  इस अवसर पर उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मछुआरों की सुरक्षा और भलाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.  भारत सरकार के समर्पित प्रयासों से पिछले एक दशक में 3,700 से अधिक मछुआरों को श्रीलंका से सफलतापूर्वक वापस ले लिया गया है.  600 से अधिक मछुआरों को पिछले वर्ष में ही मुक्त कराया गया है.  कुछ मछुआरों को मृत्युदंड दिया गया, लेकिन हमने देश में उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए.

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