रांची (RANCHI): विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और उनके अफगानी समकक्ष अमीर खान मुत्ताकी के बीच शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय वार्ता हुई. विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने इस वार्ता को अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्जागरण बताया और काबुल स्थित भारतीय मिशन को दूतावास का दर्जा दिए जाने की घोषणा की.
मुत्ताकी 09 से 16 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी 09 से 16 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं. आज उन्होंने विदेश मंत्री के साथ औपचारिक मुलाकात और वार्ता की. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “एक निकटवर्ती पड़ोसी और जनता के शुभचिंतक के रूप में भारत को अफगानिस्तान के विकास और प्रगति में गहरी रुचि है. आज मैं यह पुनः पुष्टि करता हूं कि हमारी दीर्घकालिक साझेदारी, जिसके अंतर्गत अफगानिस्तान में अनेक भारतीय परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, अब फिर से सशक्त रूप में आगे बढ़ेंगी.”
भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति समझ की सराहना
अफगान शरणार्थियों की स्थिति को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए भारत ने उनके पुनर्वास में सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत इन शरणार्थियों के लिए आवास निर्माण और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएगा ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अफगानिस्तान के सामने साझा चुनौती सीमापार आतंकवाद है, जो दोनों देशों की स्थिरता और विकास के लिए खतरा है. भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों से मुकाबला करने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया और अफगान पक्ष की भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति समझ की सराहना की.