गुजरातः गंभीरा ब्रिज हादसे में मरने वालों की संख्या 15 तक पहुंची, रेस्क्यू ऑपरेशन दूसरे दिन भी जारी

Shwet Patra

रांची (RANCHI): आणंद और वडोदरा शहर को जोड़ने वाले गंभीरा पुल हादसे में मरने वाले की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. प्रशासन का कहना है कि अभी भी तीन लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. नदी में दो और वाहनों के फंसे होने की आशंका है. एक दिन पहले बुधवार सुबह यह हादसा हुआ था.


राज्य सरकार ने नदी पर नया पुल बनाने की दी मंजूरी 

कलेक्टर के मुताबिक हादसे की चपेट में आने वाले दो अन्य वाहन जो नदी में गिरने के करीब थे, उन्हें सुरक्षित खींच लिया गया है. वडोदरा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि पुल का 10 से 15 मीटर लंबा स्लैब सुबह भरभरा कर गिर गया. उधर, राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि राज्य सरकार ने इस नदी पर नया पुल बनाने की त्वरित मंजूरी दे दी है. इसके लिए 212 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है. राज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.

नौ दिन पहले ही किया गया था ब्रिज का निरीक्षण
 
गंभीरा ब्रिज 900 मीटर लंबा है, जिसका उद्घाटन साल 1985 में हुआ था. तीन साल पहले प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराई गई थी और उस समय रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इसके बावजूद पुल आवागमन के लिए चालू रखा गया था. जानकारी के अनुसार नौ दिन पहले भी इसका निरीक्षण किया गया था. वह तो गनीमत रही कि नदी में पानी कम था, अन्यथा हादसे में और लोगों की भी जान जा सकती थी.

बुधवार देर रात तक चलाया गया राहत और बचाव कार्य

बुधवार देर रात तक राहत और बचाव कार्य चला. नदी में कीचड़ और सिरेमिक टाइल्स से भरे ट्रक को हटाकर वहां खोजबीन की जा रही है. कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी सुबह से लगातार घटनास्थल पर मौजूद रहकर बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं. इतना ही नहीं 
देर रात फ्लड लाइट लगाकर यह कार्यवाही की गई. ट्रक खींचने के लिए वायर मंगवाए गए थे. उसे हिटाची मशीन से बांधकर सीधा किया गया, जिससे तीन लोगों के शव बरामद किए गए. शवों को पादरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद उनके परिजनों को सौंपा गया. इससे पहले देर शाम मिले शवों में से दो की पहचान हो चुकी है, जिनमें एक द्वारका के महेन्द्रभाई पर्वतभाई हथिया और दूसरे आंकलाव के विष्णुभाई रावल शामिल हैं.

मौके पर पहुंचे 
भवन विभाग के प्रमुख अभियंता 

घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा सड़क और भवन विभाग के प्रमुख अभियंता को मौके पर भेजा गया. पुनम पर्व के कारण माहि नदी में जलप्रवाह बढ़ने से पहले जितना संभव हो सके उतना कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के लिए संपूर्ण प्रशासन पूरी मेहनत से जुटा हुआ है. 

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