दीपावली पर दीपों से करें घर को रोशन, चाइनीज लाइटों से करें परहेज

Shwet Patra

रांची (RANCHI): दीपोत्सव का पर्व दीपावली आने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. बाजार रंगीन झालर और चाइनीज लाइटों से भरे पड़े हैं. परंतु दीपावली का यह पावन त्यौहार यदि मिट्टी के दीपकों में सरसों का तेल डालकर मनाया जाता है तभी इसकी सही सार्थकता है. क्योंकि यही परंपरागत तरीका भी है. सरसों के तेल से जलने वाले दिए से निकलने वाला धुआं वातावरण को प्रदूषित होने से बचाता है. बरसात के बाद इस समय अचानक से पैदा हुए कीट पतंगो को भी नष्ट करता है.

मिट्टी के बर्तन, दिए और खिलौने  बनाने में जुटे कुम्हार 

आजकल लोगों के ऊपर फैशन का भूत सवार है और लोग दीपक की जगह पर मोमबत्ती जलाते हैं और रंगीन चाइनीज झालर और लाइटों से घर को सजाते हैं. वहीं पर गांव में निवास करने वाले तमाम कुम्हारों का परिवार आज भी अपने परंपरागत पेशे के बदौलत अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उन्हें त्योहारों का इंतजार रहता है. दिवाली से पहले कुम्हार मिट्टी के बर्तन, दिए और खिलौने इत्यादि बनाने में लगे हुए हैं.

छोटे दुकानदारों को बढ़ावा देने की अपील

मिट्टी के बर्तन बनाने वाले राम प्रसाद प्रजापति को इस बात की पूरी उम्मीद है कि लोग अपनी पुरानी परंपरा की ओर लौटेंगे विदेशी सामानों का बहिष्कार करते हुए मिट्टी के दिए से अपना त्यौहार मनाएंगे. उन्होंने कहा कि मेरी आप सभी से गुजारिश भी है कि आप लोग बेहिचक गांव के छोटे दुकानदारों से सामान लेकर अपनी दीपावली मनाएं. जिससे हम लोगों के घर की भी दीपावली अच्छे से मनाई जा सके.

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