रांची (RANCHI): ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. इसका असर सब्जी और रबी की फसलों पर पड़ सकता है. इससे बचाव के लिए खेतों की नमी बनाये रखना जरूरी है. यदि ज्यादा ठंड पड़े तो सल्फर का छिड़काव फायदेमंद होता है. इससे जमीन में गर्मी पैदा होती है. किसानों को चाहिए कि खेत में नमी बनाये रखते हुए उसमें यूरिया के साथ सल्फर मिलाकर छिड़काव करें, जिससे खेत की गर्मी बनी रहे.
चौपट हो सकती है आलू की पैदावार
इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक डा. मुनीष का कहना है कि गेहूं, सरसों, मसूर, चना आदि पर ठंड का असर पड़ता है. इससे बचाव के लिए प्रथम प्राथमिकता खेत की नमी को बनाये रखना है. यदि नमी बनी रहेगी तो ठंड का असर कम होता है. आलू में तो नमी का बने रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि यदि एक बार पाला का असर हो गया तो आलू की पैदावार चौपट हो जाती है. यदि ठंड का असर ज्यादा हो तो उसमें सल्फर का छिड़काव करना चाहिए.
इन सब्जियों को ज्यादा रहता ठंड का असर
सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. ए.बी. सिंह ने कहा कि टमाटर, बैगन, मिर्च आदि पर ठंड का असर ज्यादा रहता है. टमाटर के खेत में नमी बनाये रखने के साथ ही उसके फल को मिट्टी से ऊपर रखने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि मिट्टी में सटकर उसमें सड़न पैदा हो जाती है. वहीं सल्फर के साथ ही नीम के अर्क का छिड़काव भी सब्जियों के लिए फायदेमंद होता है. बैगन में कीड़ों से बचाव के लिए नीम अर्क जरूरी है.
प्रति लीटर 2 ग्राम सल्फर पानी में मिलाकर करें पौधों में छिड़काव
वहीं कृषि अधिकारी डा. शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 40 किलो यूरिया के साथ 2 किलो सल्फर का फसल में बुरकाव करें. सल्फर फसल के पोषक तत्वों के लिए महत्वपूर्ण होता है. यह सल्फर दानेदार होता है जो मिट्टी में आसानी के साथ जल्दी ही मिल जाता है और उसका असर भी किसान भाइयों को जल्दी देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि यदि सल्फर का बुरकाव करने में परेशानी है तो किसान भाई छिड़काव के जरिये भी फसल में सल्फर का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए प्रति लीटर 2 ग्राम सल्फर पानी में मिलाकर फसल में छिड़काव किया जा सकता है. इससे फसल के पौधे में गर्मी पैदा होगी और जमीन भी थोड़ी गर्म रहेगी. जिससे फसल में फुटाव व वृद्धि तेजी से होना शुरू हो जाएगी.