रांची (RANCHI): दिल्ली और अलग-अलग राज्यों की खराब वायु गुणवत्ता हमारी त्वचा के स्वास्थ्य पर चुपचाप असर डाल रही है. इससे कई लोगों को मुहांसे, बेजान त्वचा और तेज़ी से बुढ़ापा आ रहा है. धूल के कण, धुआं और अन्य हानिकारक प्रदूषक रोमछिद्रों में गहराई तक समा जाते हैं, जिससे सूजन और त्वचा की परत को नुकसान पहुंचता है, जिससे समय के साथ कोलेजन का क्षरण तेज़ी से होता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा थकी हुई, असमान और निर्जलित हो जाती है.
लक्षित त्वचा देखभाल दिनचर्या
इसलिए हमें एक लक्षित त्वचा देखभाल दिनचर्या अपनानी चाहिए, जिसकी शुरुआत हर शाम त्वचा की दो बार सफाई करके प्रदूषकों को हटाकर करनी चाहिए, उसके तुरंत बाद मुक्त कणों को कम करने और बेअसर करने के लिए विटामिन सी या नियासिनमाइड एंटीऑक्सीडेंट सीरम लगाना चाहिए. इसके बाद रोज़ाना इस्तेमाल के लिए एक व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाना चाहिए. यह इस तथ्य को देखते हुए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि, भले ही यह प्रदूषण हो, सूरज ऑक्सीडेटिव तनाव भी पैदा करता है और रंजकता को बढ़ावा देता है.
पेशेवर त्वचा देखभाल उपचार
एलोराज़ पीएमयू और कोरियन एस्थेटिक्स की संस्थापक, एलोरा जेना के अनुसार, प्रतिष्ठित क्लीनिकों द्वारा करवाए जाने वाले पेशेवर त्वचा देखभाल उपचार, जैसे हाइड्रेटिंग फेशियल, केमिकल पील्स और ऑक्सीजन थेरेपी, त्वचा को गहराई से साफ़ कर उसे फिर से चमकदार बना सकते हैं. इसके अलावा, त्वचा को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रखना, पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेना और धूम्रपान छोड़ना कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं जो पर्यावरणीय तनावों को झेलने की त्वचा की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकते हैं.