रांची (RANCHI): कोलेजन का हमारी सुंदरता निखारने में अहम योगदान माना जाता है. कोलेजन आपकी स्किन, मसल्स, हड्डियों और कनेक्टिव टिश्यू को सपोर्ट, स्ट्रेंथ और स्ट्रक्चर प्रदान करता है. उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है आपकी बॉडी का कोलेजन टूटता रहता है और बॉडी की नया कोलेजन बनाने की टेंडेंसी भी धीरे-धीरे कम होती रहती है. कोलेजन त्वचा को प्राकृतिक रूप से कंडीशन करता है. जिससे आपकी त्वचा चमकदार और आकर्षक दिखती है.
कोलेजन के प्रकार
कोलेजन कई प्रकार के होते हैं. लेकिन हमारे शरीर में मुख्य रूप से टाइप 1 ए, 2 ए और 3 ए पाए जाते हैं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है हमारी त्वचा में कोलेजन का उत्पादन कम होने लगता है. यह माना जाता है कि हमारे शरीर में 25 साल की उम्र के बाद सालाना डेढ़ प्रतिशत कम कोलोजन पैदा होना शुरू हो जाता है. जिससे चेहरे पर झुर्रियां आनी शुरू होती है होने लगती है. कोलेजन सिर्फ स्किन के लिए ही नहीं बल्कि जोड़ों की मजबूती के लिए भी जरूरी है, क्योंकि कोलेजन की कमी की बजह से जोड़ कठोर हो जाते हैं और मांशपेशियों में अकडन आनी शुरू हो जाती है. हालांकि खुद को जवां बनाए रखने के लिए लोग कोलेजन बढ़ाने वाले इंजेक्शन और पाउडर आदि उत्पादों का इस्तेमाल भी करते हैं लेकिन एक तो यह काफी महंगे होते हैं. साथ ही इनकी गुणबत्ता पर हमेशा संदेह बना रहता है.
अगर आप डाइट में कोलेजन रिच फूड/फ्रूट को शामिल कर लें तो यह आपकी त्वचा को जवां और बालों को सिल्की रखने में मदद कर सकते हैं. सही पोषक तत्वों का सेवन न केवल हमारे शरीर को पोषण देता है बल्कि अधिक कोलेजन का उत्पादन करने में भी मदद करता है.
बेरीज़
स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और रास्पबेरी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें क्योंकि यह विटामिन सी से भरपूर है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन भी प्रचुर मात्रा में होते हैं,जो शरीर में कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाने का काम करता है. सभी तरह की बेरी में विद्यमान विटामिन सी त्वचा की इलास्टिसिटी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इन बेरीज में एलेजिक एसिड होता है जो आपकी स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के नुकसान से बचाता है. बेरीज लाइकोपीन से भरपूर होते हैं. लाइकोपीन एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोलाजन के स्राव को बढ़ावा देता है. जितने ज्यादा बेरीज का सेवन करते हैंए आपकी त्वचा को जवां और चिकनी बनाए रखने में उतनी ही मदद मिलती है. इनका नियमित सेवन स्पॉटल्स और ग्लोइंग स्किन पाने में आपकी मदद कर सकता है.
खट्टे फल
फलों में भी कोलेजन बनाने वाले पोषक तत्वों की भरमार है. संतरा,नींबू,अंगूर,चकोतरा, अनानास विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं. यह विटामिन प्रो.कोलेजन बनाने में मदद करता है जो बाद में हड्डियों के लिए जरूरी बन जाता है. साइट्रस फ्रूट्स में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं और एंटी-एजिंग के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसके साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा के कोलेजन को बढ़ावा देता है, जो झुर्रियों को कम करता है और त्वचा को स्वस्थ बनता है. खट्टे फल विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 6, कैल्शियम, पोटेशियम, फोलेट, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फ़ाफ़ रोस और कॉपर मौजूद होता है जो अच्छी सेहत के लिए जरूरी हैं.
यह स्किन को हेल्दी बनाने और रिपेयर करने में भी मदद कर सकते हैं.
एवोकाडो
एवोकाडो विटामिन सी और ई, फोलेट और कॉपर से भरपूर होता है. ये कोलेजन बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करते हैं. एवोकाडो बायोटिन से भरपूर होते हैं, जो त्वचा की सेहत में अहम भूमिका अदा करते है. एवोकाडो में स्वास्थ्यबर्धक फैट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जोकि त्वचा को निखारने में काफी सहायक सिद्ध होते हैं. एवोकाडो को पौष्टिक भोजन माना जाता है और यह ज्यादातर लोगों के लिए खाने के लिए सुरक्षित है. संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सीमित मात्रा में सेवन करने पर यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.एवोकाडो को सेहत और सुंदरता दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें एंटी.एजिंग गुण पाए जाते हैं, जिसकी मदद से आपकी त्वचा की झुर्रियों को कम करने में मदद मिलती है. एवोकाडो का तेल आपकी स्किन के लिए एक नेचुरल मॉइस्चराइजर की तरह काम करता है. इसमें विटामिन ए और विटामिन ई पाया जाता है, जो आपकी त्वचा की खूबसूरती को निखारने में मदद करता है. एवोकाडो में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक, मैंगनीज फॉस्फोरस और कॉपर जैसे गुण पाए जाते हैंए जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. एवोकाडो का सलाद खाने से वजन को कम करने में मदद मिल सकती है.
तुलसी
तुलसी का पौधा लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता है. तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जोकि शरीर में कोलोजन को बढ़ाने में मदद करता है.
तुलसी में उर्सोलिक एसिड, रोसमारिनिक एसिड और यूजेनॉल जैसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिनमे फ्री रेडिकल्स से लड़ने की ताकत होती है. अगर आप कील मुहांसो से जूझ रहे हैं तो तुलसी में विद्यमान एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण कील मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं. यह त्वचा को अंदर से साफ करने, मुंहासों को रोकने और पहले से मौजूद मुंहासों की गंभीरता को कम करने में मदद करता है. यह मुंहासों के कारण हुई रेडनेस और सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है. कांच के बर्तन में तुलसी की कुछ पत्तियां लेकर इसमें 2 चम्मच चावल का आटा और 1 चमच्च शहद डालकर पेस्ट तैयार कर लें और इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा कर आधे घण्टे बाद चेहरे को पानी से धो लें. इससे त्वचा में लचीलापन पन आता है.