रांची (RANCHI): खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर पेलोल गांव के पास बनई नदी पर बना उच्च स्तरीय पुल के बीच का हिस्सा टूट कर धंस गया. इससे इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है. यह पुल राजधानी रांची को खूंटी, सिमडेगा और ओडिशा, छत्तीसगढ सहित अन्य राज्यों को जोड़ने वाला है. साथ ही बाबा आम्रेश्वर धाम जाने के लिए सबसे आसान मार्ग यही है.
वैकल्पिक मार्गों से हो रहा यातायात
स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल की स्थिति कई दिनों से जर्जर थी. इसके बावजूद उस पर भारी वाहनों का आवागमन जारी था. पिछले दो दिनों से भारी वर्षा से गुरुवार सुबह पुल के एक हिस्से में दरार आने के बाद अचानक वह धंस गया. उसी दौरान एक ट्रक बीच मे जाकर फंस गया. हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई. आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. वैकल्पिक मार्गों से यातायात का संचालन हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पुल का निर्माण लगभग दस-बारह वर्ष हुआ था. निर्माण के दौरान गुणवत्ता का खयाल नहीं गया और करोड़ों की लागत से बना पुल टूट गया. लोगों का कहना है कि समय रहते मरम्मत न किए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई.
कई राज्यों को जोड़ने वाला प्रमुख पुल
बता दें कि इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन खूंटी, सिमडेगा और आसपास के गांवों से आवागमन करते हैं. अब वैकल्पिक मार्ग से यात्रा करने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रांजधानी रांची को खूंटी, सिमडेगा और ओडिशा, छत्तीसगढ सहित अन्य राज्यों को जोड़ने वाला यह प्रमुख पुल है.
बाबा आम्रेश्वर धाम आनेवाले श्रद्धालुओं को होगी परेशानी
11 जुलाई से पवित्र सावन का महीना शुरू हो रहा है. झारखंड के मिनी बाबा धाम के रूप में विख्यात बाबा आम्रेश्वर धाम में श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. बनई नदी पुल के टूट जाने से श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग से आना-जान पड़ेगा और उन्हें काफी परेशानी होगी. बाबा आम्रेश्वर धाम प्रबंध समिति के महामंत्री मनोज कुमार ने कहा कि बनई नदी पुल के टूट जाने से बाबा के भक्तों कों परेशानी होगी. पुल बनने में एक साल से अधिक समय लग जाएगा.