पुलिस बल किसी भी राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा, शांति और कानून-व्यवस्था का मजबूत आधार स्तंभ हैं : राज्यपाल

Shwet Patra

रांची (RANCHI):  राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि पुलिस बल किसी भी राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा, शांति और कानून-व्यवस्था का मजबूत आधार स्तंभ हैं.  वे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जनहित एवं राज्यहित में समर्पित भाव से कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं. समाज और राज्य की सुरक्षा के लिए अनेक पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.  उन्होंने कहा कि पर्व-त्योहारों, चुनाव कार्यों, प्राकृतिक आपदाओं या उग्रवाद से निपटने की चुनौती, हर परिस्थिति में पुलिसकर्मी पूरी निष्ठा, साहस और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं.  उनका यह बलिदान, त्याग एवं सेवा की भावना सभी को प्रेरित करता रहेगा.  राज्यपाल सोमवार को रांची के खेलगांव स्थित मरांग गोमके जयपाल सिंह स्टेडियम में आयोजित ‘68वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट-2025’ के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.

साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल पुलिस बल की कार्यकुशलता को प्रदर्शित करता है, बल्कि आपसी सहयोग, नवीन तकनीकों के आदान-प्रदान और पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करता है. राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी, मानव तस्करी और संगठित अपराध जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं.  इनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पुलिस बल को अत्याधुनिक तकनीकों और विशिष्ट कौशल से सुसज्जित होना आवश्यक है. 

 प्रधानमंत्री के जरिये 'स्मार्ट पुलिसिंग' की परिकल्पना की गई है

 उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व में लागू किए गए नए आपराधिक कानून हमारे न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.  इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को अधिक सरल, सुलभ और पीड़ित केंद्रित बनाना है, जिससे अपराधियों को त्वरित सजा मिल सके और पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले.  राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के जरिये 'स्मार्ट पुलिसिंग' की परिकल्पना की गई है, जिसमें पुलिस बल को अधिक संवेदनशील, आधुनिक, सतर्क, जवाबदेह और तकनीक-प्रेरित बनाने का आह्वान किया गया है.  पुलिस सेवा केवल कानून व्यवस्था के संधारण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में शांति, महिला सशक्तिकरण, बाल संरक्षण, ट्रैफिक प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भी इसका योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है.

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