रांची (RANCHI): मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार और कृषि विभाग का उद्देश्य और लक्ष्य राज्य में किसान वर्ग को मजबूती प्रदान करना रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड गांवों का प्रदेश है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर लोगों का जुड़ाव खेती-बाड़ी के कार्यों से है. विगत 4 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किसान वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन और नीति निर्धारण की गई है जो आने वाले समय में मिल का पत्थर साबित होगा.
गांव की जड़े मजबूत होगी तब स्थायी तौर पर राज्य भी मजबूत होगा: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब गांव समृद्ध होंगे तभी राज्य समृद्ध होगा. उनकी सरकार राज्य के गांवों की जड़ों को मजबूत करने पर लगी है. जब गांव की जड़े मजबूत होगी तब स्थायी तौर पर राज्य भी मजबूत होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार के गठन के चंद दिनों बाद से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. तमाम चुनौतियों से लड़ते-लड़ते विगत चार वर्षो में राज्य के गरीब, वृद्धजन, महिलाएं, किसान, आदिवासी, दलित, शोषित, पिछड़े सभी वर्गों के उत्थान के लिए उनकी सरकार ने जो लकीर खींची है वह बहुत मजबूत, लम्बी और गाढ़ी लकीर है उसे मिटा पाना असंभव है.
कृषि पर जोर
सोरेन ने यह बात मंगलवार को द कार्निवल बैंक्विट हॉल, डिबडीह में आयोजित "प्रमंडल स्तरीय सहकारिता महासम्मेलन, रांची-2024" के उद्घाटन और 236 चलंत पशु चिकित्सालय वाहन के शुभारंभ कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में कही. उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है. इस देश में किसान वर्ग के लिए जो नीतियां बनाई गई है उसका फलाफल बहुत कारगर साबित नहीं हुआ है. बड़े पैमाने पर किसान वर्ग के लोग अब खेतीहर मजदूर के रूप में गिने जा रहे है.
पारंपरिक व्यवस्थाओं से जोड़कर आगे बढ़ने की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि भौतिकवादी युग में विकास के विभिन्न मापदंड, सही नीति निर्धारण की कमी और जलवायु परिवर्तन किसानों को मजदूर बनने पर मजबूर कर रही है. यह एक बहुत गंभीर और चिंतनीय विषय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में किसान वर्गों के लिए खेती की वैकल्पिक व्यवस्था पर विशेष बल दिया है. राज्य सरकार का प्रयास है कि किसान बंधुओं को खेती-कृषि के साथ-साथ पारंपरिक व्यवस्थाओं से जोड़कर आगे बढ़ाया जाए.