बेगूसराय में सांस लेने पर आफत, सोमवार को एक्यूआई पहुंचा 401 पर

Shwet Patra

बेगूसराय (BEGUSARAI): बिहार की औद्योगिक राजधानी और तेजी से विकसित हो रहे बेगूसराय में प्रदूषण की स्थिति जानलेवा होती जा रही है. सोमवार को बेगूसराय में प्रदूषण का पैमाना 401 एक्यूआई मापा गया है जो काफी गंभीर समस्या है. इसके कारण धूल कण और प्रदूषण से सांस की बीमारी सहित कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हवा में मौजूद धूल कण

चिकित्सकों का कहना है कि जीवन के लिए हवा जरूरी है और घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए मजबूर कर रही है. घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए, पेड़ पौधे लगाने की संख्या बढ़ाने से ही उसका कुछ भी हो सकता है. वायु प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. पीएम 2.5 हवा में मौजूद ऐसे धूल कण हैं जो सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं.

प्रदूषण स्तर का 401 पहुंचना चिंताजनक स्थिति

जानकारी के अनुसार एक्यूआई शून्य से 51 से एक संतोषजनक, 101 से दो सौ मध्यम, 201 से तीन सौ खराब, 301 से चार सौ बेहद खराब तथा 401 से पांच सौ गंभीर श्रेणी में आता है. ऐसे में बेगूसराय का प्रदूषण स्तर 401 पर पहुंचना काफी चिंताजनक स्थिति है. हालांकि, बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है. विगत नौ नवम्बर को हुई प्रदूषण समिति की बैठक में डीएम रोशन कुशवाहा ने प्रदूषण की समस्या को लेकर चिंता जताई तथा रोकने के उपाय पर बल दिए गए हैं.

विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बैठक में डीएम ने कहा है कि ठंड का मौसम शुरू हो रहा है, जिसमें प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है. इसे रोकने के लिये सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य कराना होगा. सुप्रीम कोर्ट एवं नेशनल ग्रीन प्राधिकरण के निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन करना है. पी.एम. 2.5 आकार के प्रदूषक तत्व हमारे लिए सबसे अधिक खतरनाक हैं, और इसे रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.


इन चीज़ों पर लगेगी रोक

डीएम ने अधिकारियों को जल रहे कूड़े को तुरंत बुझाने, निर्माण स्थल पर धूल रोकने के लिए पर्दा का उपयोग पर रोक, निर्देशों का पालन नहीं करने पर जुर्माना के साथ एफआईआर करने, अस्पताल से निकले प्लास्टिक कचरे का सही निस्तारण नहीं करने पर अस्पतालों पर जुर्माना लगाने, एनएचएआई और आईओसीएल निर्माण से हो रहे प्रदूषण को रोकने, खनन पदाधिकारी ईंट-भट्टों एवं बालू कारोबारी द्वारा किए जा रहे प्रदूषणों पर रोक लगाने और ढ़ाबा और चाय दुकानों में प्रदूषण उत्पन्न करने वाले कोयला का उपयोग रोकने का आदेश दिया.

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