चाईबासा (CHAIBASA) : चक्रधरपुर प्रखंड
मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर स्थित इटिहासा पंचायत के इटिहासा गांव में बच्चों
को पढ़ाई के लिए रोजाना जद्दोजहद करनी पड़ती है. पानी से भरे तालाब के बीच जान जोखिम
में डालकर बच्चों को पढ़ने के लिए इटिहासा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय पढ़ने के
लिए आना पड़ता है. यह सिलसिला वर्षों से चलता आ रहा है. इन दिनों बरसात के मौसम में
तालाब का पानी अत्यधिक बढ़ गया है. तालाब के ऊपर पुलिया नहीं होने के कारण व दूसरे
रास्ते से विद्यालय की दूरी लंबी होने के कारण विद्यार्थी तालाब के बीच से पानी
में घुस कर ही विद्यालय आते हैं. क्षेत्र में एकमात्र उच्च विद्यालय होने के कारण
यहां विभिन्न गांव से लंबी दूरी तय कर विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं. इसके साथ ही गांव
के ग्रामीणों को इसी तालाब में भरे पानी के बीच से ही आवाजाही करने के लिए विवश
होना पड़ता है. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि गर्मी के मौसम में तालाब का पानी
सूखने के कारण लोग आसानी से आवाजाही करते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में तालाब का पानी अत्यधिक
बढ़ जाता है. इसके कारण ग्रामीणों को परेशानियां उठानी पड़ती है. ग्रामीणों के
अनुसार लगभग 15-20 वर्षों से तालाब के ऊपर पुलिया निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन वर्षों से
समस्या जस की तस बनी हुई है. इटिहासा गांव
स्थित तालाब के पानी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने पर विद्यार्थियों को घर लौटना पड़ जाता
है. कई विद्यार्थी तालाब तक पहुंचते हैं, लेकिन तालाब का पानी अत्यधिक भरा होने के कारण
तालाब के समीप स्थित विद्यालय जाने से वंचित होना पड़ता है. इटिहासा गांव के
ग्रामीणों ने बताया कि इटिहासा गांव स्थित तालाब पर पुलिया निर्माण होने से दूसरे
गांव जाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी होगी. इटिहासा से तालाब पार कर जाने पर
गाजीडीह गांव की दूरी लगभग एक किमी है, लेकिन तालाब में अत्यधिक पानी भरा होने के कारण
ग्रामीणों को लगभग चार से पांच किमी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. तालाब के ऊपर
पुलिया का निर्माण हो जाने से केनके, सुरबुड़ा, सिमीदीरी, भरनिया पंचायत के विभिन्न गांव के ग्रामीणों को
लाभ मिलेगा. इसमें खासकर गेड़ेडीह, गाजीडीह, लादुरासाई, बांकीतापी, कोरला, सेंगढीपी, पाण्डुडीह,जयपुर, कुईतुका, बोन्डीह, बाघमारा समेत अन्य गांव के ग्रामीण लाभांवित होंगे. उत्क्रमित उच्च
विद्यालय इटिहासा में पढ़ने वाले छात्र जगमोहन हांसदा ने कहा कि बरसात के दिनों में
तालाब पार कर विद्यालय आना पड़ता है. इससे साइकिल बार-बार बिगड़ जाती है. बरसात के
मौसम में तालाब का पानी भरा होने के कारण परिजन भी विद्यालय भेजने से हमें मना
करते हैं. इटिहासा गांव के
रामभगत महली ने कहा कि बरसात के मौसम में तालाब का पानी अत्यधिक बढ़ जाता है. बरसात
में तालाब के पानी का बहाव भी तेज होता है. तालाब पर पुलिया का निर्माण होने से
बड़ी संख्या में ग्रामीणों को लाभ मिलेगा. इटिहासा गांव
निवासी आनंद कुमार दास ने कहा कि पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने तालाब निर्माण के लिए सिर्फ आश्वासन दिया, लेकिन तालाब पर
पुलिया का निर्माण नहीं हो पा रहा है. पूर्व विधायक शशिभूषण सामड ने स्वयं आकर
तालाब की स्थिति को देखा था, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.