पटना (PATNA): पड़ोसी देश नेपाल सहित उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में हुई अतिवृष्टि से राज्य एक बार फिर से बाढ़ की चपेट में है, बिहार में बागमती, कोसी, कमला, बलान समेत कई अन्य नदियां उफान पर हैं, जिससे मोतिहारी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा समेत कई जिलों में स्थिति विकट है. अक्टूबर महीने में एक बार आसमान से आफत बरस रही है. लगातार हो रही बारिश से लोगों की जिंदगी मुश्किलों में घिर गई है. सबसे बुरा हाल बिहार का है,जहां बारिश से कई जिलों में हालात खराब हैं. बिहार में कोसी और कमला जैसी नदियां उफान पर हैं. गांव के गांव पानी में डूबे हुए हैं और लोग भारी मुसीबत झेल रहे हैं. नेपाल से सटे पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज, कटिहार समेत कई जिलों में बाढ़ के पानी ने लोगों के बीच दहशत है. सैंकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
बाढ़ प्रभावित परिवार पलायन करने को मजबूर
जल संशाधन विभाग से प्राप्त आकड़ों के मुताबिक बागमती, कोसी, कमला, बलान और गंडक समेत अधवारा समूह की नदियां उफान पर हैं. बाढ़ प्रभावित परिवार ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. सुपौल जिले के वीरपुर स्थित कोसी बराज के सभी 56 फाटकों को रविवार को खोल दिया गया था. कोसी बैराज से रविवार को 5.33 लाख क्यूसेक से ज़्यादा पानी छोड़ा गया, जो इस साल का सबसे ज़्यादा पानी है. वहीं आज सोमवार को 3,77,670 क्यूसेक पानी बराज से छोड़ा गया है. आज कोसी बराज पर पानी का डिस्चार्ज काफी तेजी से घट रहा है, लेकिन बराज से डिस्चार्ज हुआ पानी अब तटबंध के अंदर तबाही मचाने लगी है.