रांची (RANCHI): हम सभी को पता है कि एक पपीते में कितने सारे गुण होते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई पाया जाता है जो हमारे सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल, कांसपेशन, हार्ट ब्लॉकेज जैसी समस्या में राहत मिलती है. लेकिन आपको जान कर हैरानी होगी कि पपीता के पत्ते और उसी बीज भी सेहत के लिए उतनी ही लाभकारी होती है. बता दें कि पपीते की पत्तियां और बीज फाइबर, पपेन, फ्लेवोनोइड्स, विटामिन ई, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं. अगर आप इनका सेवन सुबह खाली पेट करेंगे तो इससे आपको चमत्कारी फायदें होंगे.
इन बिमारियों से लड़ने में मिलेगी सहायता
डेंगू बुखार: मच्छरों से फैलने वाले वायरल बुखार डेंगू में पपीते की पत्तियां और बीज बेहद फायदेमंद होते हैं. इनके सेवन से डेंगू के मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स का स्तर काफी बढ़ सकता है.
पाचन में सहायता: पपीते के पत्तों और बीजों में ऐसे यौगिक होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं. ये पत्तियां पपेन से भरपूर होती हैं, एक प्रोटीयोलाइटिक एंजाइम जो पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा: पपीते की पत्तियां और बीज एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं. पत्तियों में विटामिन और अन्य फाइटोकेमिकल्स होते हैं जिनमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है, जो शरीर को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है.
मधुमेह में फायदेमंद: पपीते की पत्तियों का उपयोग मधुमेह को नियंत्रित करने और रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार के लिए पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. पपीते की पत्तियां इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं की रक्षा करके रक्त शर्करा को कम करने वाले प्रभाव डालती हैं.
मासिक धर्म के दर्द को कम करने में सहायक: पपीते के पत्तों के सूजन-रोधी गुण, जिसमें पपेन और फ्लेवोनोइड जैसे यौगिक शामिल हैं, सामान्य सूजन की स्थिति को कम करने में मदद कर सकते हैं, संभावित रूप से मासिक धर्म की ऐंठन से कुछ राहत प्रदान कर सकते हैं.
हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा: पपीते के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट और अन्य फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो आम तौर पर हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. पपीते की पत्तियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो हृदय रोग के कारक हैं.