हृदय रोग से हर साल 4.77 मिलियन भारतीयों की मौत होती है: डॉ. राकेश शर्मा

Shwet Patra

रांची (RANCHI): कोरोनरी और जन्मजात हृदय रोग और कार्डियक सर्जरी में हालिया प्रगति पर जागरूकता पैदा करने के लिए आईवीवाई अस्पताल, मोहाली के डॉक्टरों की टीम एडिशनल डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डॉ. राकेश शर्मा और कंसल्टेंट सीटीवीएस सर्जरी ईशांत सिंगला ने मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत में लगभग 30 मिलियन लोग कोरोनरी आर्टरी बीमारी से पीडि़त हैं.

युवाओं में तेज़ी से बढ़ रहा हृदय रोग 
 
उन्होंने कहा कि भारत में 27 प्रतिशत मौतें हृदय रोगों के कारण होती हैं. युवा पीढ़ी में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहा है और पुरुषों और महिलाओं दोनों में इसका गंभीर खतरा है. अपनी खराब जीवनशैली के कारण अधिक संख्या में युवा भारतीय कोरोनरी आर्टरी बीमारी से पीडि़त हो रहे हैं और अगर यह जारी रहा तो भविष्य और भी खतरनाक दिखता है. दस साल पहले, हमने हृदय संबंधी समस्याओं वाले युवा मरीज़ मुश्किल से ही देखे थे, अब हम कई मामले देख रहे हैं.

दिल की सर्जरी करने की नवीनतम तकनीक है इनवेसिव कार्डियक सर्जरी

वहीं पर डॉ. इशांत ने बताया कि मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी दिल की सर्जरी करने की नवीनतम तकनीक है और यह सुविधा उत्तर भारत में बहुत कम चुनिंदा कार्डियक अस्पतालों में उपलब्ध है. जैसा कि नाम से पता चलता हैए यह मिनिमली इनवेसिव है , इसका मतलब है कि केवल कुछ विशेष उपकरण और कैमरे को कीहोल के आकार के छोटे छेद के माध्यम से छाती में डाला जाता है. सभी प्रकार की मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी जैसे सीएबीजी, एवीआर, एमवीआर, एसडी, वीएसडी अब आईवीवाई अस्पताल मोहाली में की जा रही हैं. डा. राकेश शर्मा ने यह भी बताया कि सभी सुविधाओं के कारण आईवीवाई अस्पताल मोहाली कार्डिएक साइंसेज के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस बन गया है. प्राथमिक एंजियोप्लास्टीए कॉम्प्लेक्स एंजियोप्लास्टीए बाइवेंट्रिकुलर पेसमेकर कॉम्बो डिवाइसेस, आईसीडी, कैरोटिड आर्टरी स्टेंटिंग, टीएवीआर, पेरिफेरल आर्टरी, पेरिफेरल आर्टरी और घुटने के नीचे इंटरवेंशन ए एओर्टिक डायसेक्शन प्रबंधन एक ही छत के नीचे उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि अस्पताल हिमाचल सरकारए सीजीएचएस, ईसीएचएस, सीएपीएफ और सभी प्रमुख टीपीए और कॉरपोरेट्स के पैनल में है.

इन लक्षणों को कभी न करें नजरअंदाज

उन्होंने बताया कि इसके लक्षणों में सीने में बेचैनी, सीने में दर्द, जकडऩ या दबाव, मतली, अपच, सीने में जलन या पेट दर्द, दर्द जो बांह तक फैल जाता है, चक्कर आना या रक्तचाप में अचानक गिरावट, आपकी छाती के बीच में दर्द या दबाव जो आपके गले या जबड़े तक फैल जाता है. इसके अतिरिक्त तेज चलने या सीढिय़ां चढऩे पर सांस फूलना, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया में अत्यधिक खर्राटे आना, बिना किसी स्पष्ट कारण के पसीना आना, अनियमित दिल की धडक़न, सफेद पर गुलाबी बलगम के साथ लंबे समय तक चलने वाली खांसी आदि प्रारंभिक हृदय विफलता के संकेत हैं.

हृदय रोग के जोखिम को कम करने के उपाय

धूम्रपान न करें, अपने जोखिमों को जानें., उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल क्योंकि ये साइलेंट किलर हैं. स्वस्थ वजन बनाए रखें, नियमित व्यायाम करें, कम संतृप्त वसा, अधिक उत्पादन और अधिक फाइबर खाएं,ट्रांस वसा से बचें, शराब से बचें या कम मात्रा में सेवन करें, योग और ध्यान से अपने तनाव को नियंत्रित करें और अपने होमोसिस्टीन स्तर को जानें.

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