रांची (RANCHI): आज की आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खान-पान और बढ़ते प्रदूषण ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला है. खासकर प्रजनन क्षमता पर इसका असर दिखाई देता है. इतना ही नहीं, शारीरिक गतिविधियों की कमी ने महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ दिया है, जिसके कारण पीसीओएस, पीसीओडी और एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. ऐस में बच्चे की चाहत रखने वाली महिलाओं को रोज़ाना चंद्र नमस्कार करना चाहिए. यह योगा आसान मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में मदद करता है. यह मोटापे से जुड़ी प्रजनन संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है. चंद्र नमस्कार शरीर को संतुलित करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है. इससे शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति भी बढ़ती है.
चंद्र आसन के प्रजनन लाभ
- मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है: चंद्र नमस्कार शरीर से तनाव दूर करता है और रक्त प्रवाह में सुधार करता है, जिससे मासिक धर्म चक्र नियमित होता है.
- प्रजनन क्षमता बढ़ाने में सहायक: यह योग आसन प्रजनन अंगों में ऑक्सीजन और रक्त संचार को बढ़ाता है. यह न केवल बांझपन के लिए फायदेमंद है बल्कि गर्भधारण की संभावना भी बढ़ाता है.
- एएमएच स्तर में सुधार: एएमएच सुधार अभ्यास का एक प्रमुख संकेतक है. नियमित रूप से चंद्र नमस्कार करने से इसमें सुधार किया जा सकता है.
- डिम्बग्रंथि स्वास्थ्य में सुधार: चंद्र नमस्कार पीसीओएस और पीसीओडी जैसी स्थितियों को नियंत्रित करता है. यह अंडाशय के स्वास्थ्य में सुधार करके महिलाओं में प्रजनन क्षमता में सुधार करता है.
- एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड से राहत दिलाता है: चंद्र नमस्कार एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉएड के दर्द को कम करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है.
- गर्भाशय को मजबूत बनाता है: यह योगासन गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे गर्भधारण करना आसान हो जाता है। यह उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जिन्हें बार-बार गर्भपात का सामना करना पड़ा हो।