रांची (RANCHI): केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुष्ठ रोग के उपचार को लेकर नया गाइडलाइन जारी किया है. इसके तहत निर्धारित समय से तीन साल पहले और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2027 तक उप-राष्ट्रीय स्तर पर कुष्ठ रोग बीमारी को खत्म करने के लिए उपचार कार्यक्रम की शुरूआत करने का निर्णय लिया है. नवीनतम विश्व स्तर पर स्वीकृत वैज्ञानिक अनुसंधान अध्ययनों और साक्ष्य-आधारित प्रथाओं के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने पॉसी-बैसिलरी (पीबी) मामलों के लिए छह महीने के लिए दो-दवा के स्थान पर तीन-दवा की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के उप महानिदेशक डॉ. सुदर्शन मंडल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) उप-स्तर पर कुष्ठ रोग के संचरण को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है. वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने भारत में कुष्ठ रोगियों के लिए मल्टी-ड्रग थेरेपी (MDT) के उपचार में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
दो-दवा के स्थान पर तीन-दवा का आहार होगा शुरू
नवीनतम विश्व स्तर पर स्वीकृत वैज्ञानिक शोध के अनुसार, "सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के साथ, स्वास्थ्य मंत्रालय ने छह महीने के लिए पॉसी-बेसिलरी (पीबी) मामलों के लिए दो-दवा के स्थान पर तीन-दवा का आहार शुरू करने का निर्णय लिया है." अध्ययन और साक्ष्य-आधारित अभ्यास, “17 जनवरी को भेजे गए पत्र में पढ़ा गया.