गुजरात में सामने आया एचएमपीवी का तीसरा केस, जानिए वायरस से जुड़ी जटिलताओं के बारे में डिटेल्स

Shwet Patra

रांची (RANCHI): गुजरात के साबरकांठा जिले की प्रांतिज तहसील के एक गांव का 7 वर्षीय बालक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) पॉजिटिव आया है. बालक में वायरस के लक्षण को देखते हुए उसे प्रांतिज के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां संदिग्ध केस को देखकर अहमदाबाद और गांधीनगर के स्वास्थ्य विभाग ने सैम्पल लेकर जांच की गई थी. सैम्पल पॉजिटव आने की जानकारी मिली है. फिलहाल बालक प्रांतिज के बेबीकेयर हॉस्पिटल में वेंटीलेटर पर है.


6 जनवरी को सामने आया पहला केस

गुजरात में एचएमपीवी के अब तक 3 केस आ चुके हैं. इनमें दो बच्चे हैं, जबकि एक वृद्ध व्यक्ति शामिल है. हालांकि एक बच्चे को हॉस्पिटल से छु‌ट्टी दी जा चुकी है. बता दें कि गुजरात में पहला केस 6 जनवरी को पता चला था और दो माह के बच्चे काे अहमदाबाद के चांदखेड़ा स्थित निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. फिलहाल बच्चे को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जा चुका है. गुजरात में दूसरा केस अहमदाबाद के वस्त्रापुर से सामने आया। यहां 80 साल के वृद्ध में एचएमपीवी वायरस पॉजिटिव आने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

साबरकांठा से सामने आया 7 वर्षीय बच्चे का तीसरा केस

वहीं तीसरा केस साबरकांठा जिले की प्रांतिज तहसील अंतर्गत एक ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक परिवार के 7 वर्षीय बच्चे का है. बच्चे काे तीन दिन पूर्व सर्दी, बुखार और श्वास लेने में तकलीफ के चलते जिले के हिम्मतनगर के बेबीकेयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने बच्चे की एक्सरे रिपोर्ट की, जिसमें न्यूमोनिया के लक्षण पाए गए. बाद में सैम्पल काे निजी लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया. गुरुवार काे आई जांच रिपोर्ट में बच्चे में एचएमपीवी पॉजिटिव की पुष्टि हुई। इस रिपाेर्ट की जिला स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी गई. जिसके बाद साबरकांठा जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी हॉस्पिटल पहुंचकर बच्चे का सैम्पल लिया और उसे गांधीनगर और अहमदाबाद लैब भेजा. वहां की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. 
बेबीकेयर हॉस्पिटल की मेडिकल ऑफिसर डॉ स्मृति मेहता ने बताया कि तीन दिन से बच्चा अस्पताल में भर्ती है. वर्तमान में बच्चा आईसीयू के वेंटीलेटर पर है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उसका इलाज किया जा रहा है. बच्चे की स्थिति अभी नाजुक बनी हुई है.

क्यों हैं एचएमपीवी खतरनाक ?

जानलेवा वायरस की फैदावर और उसके संक्रमण की ज़िम्मेदारी मानो जैसे चीन को सौंपी गई हो. कोरोना जैसी घातक वायरस के बाद अब चीन से ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी (HMPV) वायरस फैलने का सिलसिला जारी हो चूका है. इसके लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं. सामान्य मामलों में यह खांसी या गले में घरघराहट, नाक बहने या गले में खराश का कारण बनता है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों में HMPV का संक्रमण गंभीर हो सकता है. 

एचएमपीवी बच्चों को क्यों बना रहा शिकार ?

विकसित शरीर की तुलना में बच्चों का इम्युनिटी पावर काफी कम होता है. यही वजह है कि बच्चों पर एचएमपीवी का खतरा ज्यादा है. ऐसे में बच्चों को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है अगर आपके घर में भी बच्चे हैं और उसमें सर्दी जुकाम या फ्लो जैसा कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं.

एचएमपीवी से बचाव के उपाय

एचएमपीवी की रोकथाम में श्वसन वायरस के संचरण को कम करने के लिए सामान्य उपाय शामिल हैं.

1., अच्छी हाथ सफाई का अभ्यास करें:
अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक बार-बार धोएं.
जब साबुन और पानी उपलब्ध न हो, तो अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें.
 
2. बीमार व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचें:
खांसने या छींकने वाले लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें.
यदि आप बीमार हैं, तो दूसरों को वायरस फैलाने से बचाने के लिए घर पर रहें.
 
3. सतहों को नियमित रूप से साफ़ और कीटाणुरहित करें:
दरवाजे की क्नॉब्स, लाइट स्विच और काउंटरटॉप्स जैसी बार-बार छुए जाने वाली सतहों को कीटाणुनाशक से पोंछें.
 
4. सामान्य टीकाकरण दिशानिर्देशों का पालन करें:
जबकि एचएमपीवी के लिए कोई विशेष टीका नहीं है, अन्य श्वसन वायरस के टीकों जैसे फ्लू शॉट के साथ अद्यतित रहना श्वसन संक्रमणों के कुल बोझ को कम करने में मदद कर सकता है.

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