रांची (RANCHI): पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने सोमवार को माओवादियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया. प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) की विध्वंसक गतिविधियों की खुफिया सूचना के आधार पर चाईबासा पुलिस, सरायकेला-खरसावां पुलिस, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ (60वीं बटालियन) की संयुक्त टीम ने टोकलो थाना क्षेत्र के कोटसोना और लांजी के जंगली पहाड़ी इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान सुरक्षा बलों ने 16 शक्तिशाली आईईडी बम बरामद किए, जिन्हें बम निरोधक दस्ते ने मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया.
सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की तैयारी किया गया था आईईडी
जानकारी के अनुसार, पुलिस को छह जुलाई को खुफिया इनपुट मिला था कि माओवादी संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत, रापा मुंडा सहित कई अन्य दस्ता के सदस्य सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं. इस सूचना के बाद टोकलो थाना और दलभंगा ओपी के सीमावर्ती जंगलों में संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया.
दो-दाे किलोग्राम वजन के कुल 16 आईईडी बम बरामद
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को पहाड़ी इलाके में दो-दाे किलोग्राम वजन के कुल 16 आईईडी बम छिपाए हुए मिले. माओवादियों ने इन विस्फोटकों को सुरक्षा बलों की आवाजाही को बाधित करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाया था. बम निरोधक दस्ते की त्वरित कार्रवाई से सभी बमों को मौके पर ही सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया गया.
पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा और किसी भी परिस्थिति में क्षेत्र की शांति भंग नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की साजिशें सुरक्षा बलों के हौसले को कमजोर नहीं कर सकतीं. संयुक्त अभियान दल की सतर्कता और कुशल रणनीति से न केवल एक बड़ी घटना टल गई, बल्कि माओवादियों को करारा जवाब भी दिया गया है. इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.