पटना (PATNA): लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बिहार में हुई जाति जनगणना पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि बिहार की जाति गणना नहीं देखें, बल्कि जातीय भागीदारी का सच अगर जानना है तो तेलंगाना में हुई जाति गणना को देखा जाए. उन्होंने देश स्तर पर तेलंगाना मॉडल को अपनाने की वकालत की. कहा कि देश स्तर पर जाति जनगणना कराने की जरूरत है. वह बुधवार को पटना में आयोजित स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौैधरी की 130वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे.
राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि भारत के पॉवर स्ट्रक्चर जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कारपोरेट या ज्यूडिशरी में दलित वर्ग की कितनी भागीदारी है? भाजपा रिप्रेजेंटेशन की बात करती है, लेकिन भागीदारी के बिना रिप्रेजेंटेशन का कोई मतलब नहीं है. ये बिलकुल ऐसा ही है जैसे मैंने आपके बीच में से पांच लोगों को स्टेज पर बैठा दिया, लेकिन उनके फैसले कहीं और से लिए जा रहे हैं. मोदी सरकार में भी यही हो रहा है कि आप लोगों को मंत्री बना देते हैं, लेकिन ओएसडी तो इन्हीं के विचारधारा से आते हैं. उन्होंने कहा कि हम आंबेडकर और जगलाल चौधरी के विचार और उसूलों की बात करते हैं. लेकिन सवाल है कि आंबेडकर और जगलाल चौधरी के जो विचार थे, वे कहां से आते थे? सच्चाई ये है कि दलितों के दिल में जो दुख और दर्द था, अंबेडकर और जगलाल चौधरी ने उस आवाज को उठाया था. राहुल गांधी ने कहा कि देश की 200 बड़ी कम्पनियों में एक भी दलित, ओबीसी, आदिवासी नहीं हैं. 90 लोग हिन्दुस्तान का बजट निर्धारण करते हैं. इन लोगों में सिर्फ तीन दलित हैं. जो तीन अफसर हैं, उनको छोटे -छोटे विभाग दे रखे हैं. सरकार यदि अगर 100 रुपये खर्च करती है तो उसमे एक रुपये का निर्णय ही दलित अफसर लेते हैं. इसी तरह 50 फीसदी आबादी पिछड़े वर्ग की है. उस वर्ग से भी मात्र तीन अफसर हैं. दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग की भागीदारी 100 रुपये में सिर्फ छह फीसदी के बराबर है. उन्होंने कहा कि आबादी के अनुरूप सभी सेक्टरों में प्रतिनिधित्व के लिए सबसे जरूरी है कि जाति गणना कराई जाए. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद लीडरशिप के लेवल पर दलित, आदिवासी और पिछड़े को देखना है.
बिहार में कांग्रेस की साझीदार राजद के लिए तनाव बढ़ाने वाली है:राहुल
बता दें कि राहुल गांधी का यह बयान बिहार में कांग्रेस की साझीदार राजद के लिए तनाव बढ़ाने वाली है. लालू यादव और तेजस्वी यादव अक्सर ही बिहार में हुई जाति गणना को अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हैं. लेकिन अब राहुल गांधी ने इस पर उंगली उठाकर राजद के दावों को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है.