पटना (PATNA): बिहार में वर्ष 2015-24 के बीच 1,445 दंपत्तियों ने गोद लिए बच्चों के गोदनामा का पंजीकरण कराया है. इनमें से सबसे अधिक 101 पंजीकरण राजधानी पटना में दर्ज किए गए हैं. यह जानकारी मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आंकड़ों से सामने आई है.
बच्चा गोद लेने के लिए यह बातें अनिर्वाय
बच्चा गोद देने वाले व्यक्ति या दंपत्ति की सहमति अनिवार्य है. गोदनामा पंजीकरण के लिए 2,000 रुपये स्टाम्प शुल्क और 1,500 रुपये निबंधन शुल्क देना होता है. हालांकि पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह भविष्य की कानूनी जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. गोद लिया बच्चा गोद लेने वाले परिवार की निजी संपत्ति में वही अधिकार पाता है, जो जैविक संतान को मिलता है, लेकिन गोद देने वाले परिवार की पैतृक संपत्ति में उसका कोई हक नहीं होता.
हिंदू धर्म पर लागू होते हैं यह नियम
गोदनामा एकबार पंजीकृत होने के बाद रद्द नहीं किया जा सकता. ये नियम केवल हिंदू धर्म पर लागू हैं. अन्य धर्मों के लिए अलग नियम हैं. विभाग के अनुसार, गोदनामा का पंजीकरण भविष्य में कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए जरुरी है. यह प्रक्रिया गोद लिए हुए बच्चे और गोद लेने वाले माता-पिता दोनों के अधिकारों को सुरक्षित रखती है.